Type: अवनद्ध वाद्य
डामा एक ताल वाद्य यंत्र है जो लकड़ी, चर्मपत्र और मुलायम लकड़ी से निर्मित होता है। यह एक जनजातीय वाद्य यंत्र है, जो त्रिपुरा और मेघालय में पाया जाता है। यह एक हाथ का ढोल है जिसे पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाली जनजातियों द्वारा उपयोग किया जाता है।
Material: लकड़ी, चर्मपत्र
लकड़ी का एक बड़ा बेलनाकार ढोल जो दाहिने किनारे पर पतला या शंकु के रूप में होता है। दोनों मुख चमड़े की पट्टियों के माध्यम से तनी हुई खाल से ढके हुए होते हैं। इस वाद्य यंत्र को गले में लटकाकर और दोनों हाथों से बजाया जाता है। इसका उपयोग त्रिपुरा की जनजातियों द्वारा किया जाता है।
Material: नरम लकड़ी
नरम लकड़ी से निर्मित दोमुखी बेलनाकार ढोल। दोनों मुख खाल से ढके होते हैं और लाल पट्टियों से बंधे होते हैं। यह वाद्य यंत्र स्वर्ण और लाल रंगों से रंगा होता है। इसे क्षैतिज रूप से गले से लटकाकर दोनों हाथों से बजाया जाता है। इस वाद्य यंत्र को मेघालय के पहाड़ी क्षेत्रों की जनजातियों द्वारा उपयोग किया जाता है।